जानिए विभूति / भस्म लगाने के 7 लाभ | 7 Benefits of applying Vibhooti/ Bhasma/ Ash
Published on: December 30, 2022

विभूति क्या है?

हिन्दू धर्म में विभूति को भभूति, भस्म, और पवित्र राख भी कहते है | भस्म प्रायः अग्निमय अनुष्ठानो में जली लकड़ी से बनी होती है | हिन्दू धर्म में विभूति लगाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है | भस्म इस बात का संकेत है कि सृष्टि नश्वर है हवन की सामग्री जलकर भस्म बन जाती है, सभी जड़ी बूटियों को जलाकर भस्म बनाई जाती है | किसी भी पदार्थ को कूट-पीसकर भी भस्म बनाई जाती है |

आदिदेव शिव के समय से ही परंपरा से भस्म धारण करने का प्रचलन रहा है | भारत में शैव, नागा, या नागपंथी साधु धूनी रमाते और भस्म धारण करते है | 

Vibhooti Bhasma Ashes benefits

विभूति क्यों लगाते है?

शुद्ध एवं पवित्र विभूति का प्रयोग ही लाभदायक है | हम जब पवित्र राख या विभूति हमारे मस्तक पर लगाते है तब नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है इसका उपयोग आयुर्वेद के चिकित्सा के रूप में होता है | 

भस्म या राख को अपने माथे पर लगाने के अलावा हम अपनी बाँहों पर लगाते है कुछ इसे पूरे शरीर में लगाते है |

कई जगह ऐसा भी होता है कि हमें पवित्र भस्म की जगह सफ़ेद पावडर दिया जाता है जहाँ ये एक व्यवसाय बन गया है | पवित्र राख आपको ग्रहणशील बनती है आप इसे जहाँ लगाते है वह स्थान अधिक संवेदनशील बनता है | 

हमारी माँ, दादी अकसर ये कहती है की हमें रोज सुबह शाम पूजा करके विभूति लगानी चाहिए उसकी महक, लगाने की क्रिया हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है | 

विभूति क्या है_ Hindu Sanskriti

विभूति कैसे बनती है?

स्मृति की विधि से यज्ञ किया हो वह स्मार्त भस्म है तथा कण्डे को जलाकर भस्म तैयार की हो तो वह लौकिक भस्म कही जाती है | विरजा हवन की भस्म सर्वोत्कृष्ट मानी जाती है | इसके अलावा हवन कुंड में पीपल, पाखड़, रसाला, बेलपत्र, केला व गऊ के गोबर को भस्म ( जलना ) करते है | 

आयुर्वेद में कई तरह की भस्म का उल्लेख किया गया है | जैसे जड़ी-बूटियों या स्वर्ण, रजत, शंख, हीरक, मुक्ताशक्ति गोंदती, अभ्रक आदि कर तरह की भस्म होती है | उक्त भस्म को उपयोग करने से लाभ मिलता है | 

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7 Benefits of applying Vibhooti Ashes

विभूति लगाने के लाभ क्या है?

  1. यह पवित्र राख कई सारी जड़ी बूटियों से मिल कर बनाई जाती है और इसे लगाने से सर दर्द, तनाव कम हो जाता है | 

ऐसा कहा जाता है कि –

ये पवित्र राख को लगाने से हमारे शरीर ७ चक्रो को नियंत्रित किया जाता है जिससे हम स्वस्थ रहते है |

2. विभूति के कई चमत्कारिक लाभ है यह काया को शुद्ध और तेजस्वी बनती है | 

3. यज्ञ और पवित्र हवन सामग्री से प्राप्त विभूति लाभदायक होती है कई प्रकार की विभूति होती है जो कई तरह के रोगो से लड़ने में सहायक होती है |

4. विभूति लगाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है इसे लगाने का लाभ सभी को लेना चाहिए |

5. आयुर्वेद में कई तरह की भस्म का उल्लेख किया गया है जैसे जड़ी-बूटियों या स्वर्ण, रजत, शंख, हीरक, मुक्तशक्ति गोदन्ती, अभ्रक आदि कई तरह की भस्म होती है | उक्त भस्म को खाने से लाभ मिलता है, क्योकि यह विश्वसनीय होती है |

6. यज्ञ या हवन की सामग्री से बनी भभूत को भी कई तरह के रोग का नाशक माना गया है, लेकिन इस तरह की भभूत खाने से पहले यह है कि यह विश्वसनीय स्थान की है या नहीं |

7. मस्तक पर विभूति लगाने से आपके भीतर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और आज्ञाचक्र सक्रिय होता है | इससे मानसिक रूप से शांति मिलती है और विचार शुद्ध होते है |

8. गले पर विभूति लगाने से विशुद्ध चक्र जागृत होता है | छाती के मध्य में लगाने से अनाहत चक्र जागृत होता है | उपरोक्त बिंदुओं पर भभूति लगाने से विवेक जागृत होता है |