सूर्य को जल चढ़ाने का वैज्ञानिक कारण | The Scientific Reason for Offering Water to the Sun
Published on: May 24, 2023
Blog Categories: प्रकृति

हिन्दू धर्म संस्कृति में देवी देवताओ, पवित्र वृक्षों, और नदियों की पूजा अर्चना की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है| हमारे सनातन धर्म में कहा गया है सूर्य और चन्द्रमा प्रत्यक्ष दर्शन देने वाले साक्षात् भगवान् है| सूर्य को जल चढ़ाने का भी महत्त्व बताया गया है| 

हमारी हिन्दू संस्कृति में उगते सूर्य को जल अर्पण करने की प्रथा सदियों से चली आ रही है| स्कन्द पुराण के अनुसार सूर्य को जल अर्पित किये बिना भोजन करने को पाप के समान माना गया है| भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करना, जल चढ़ाना, अर्घ्य देना, नमन करना एक पवित्र धार्मिक कार्य के साथ-साथ हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण कार्य है| 

सूर्य के बिना हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है| सूर्य प्रकाश का बहुत बड़ा स्त्रोत है यह हमें गर्मी, और ऊर्जा प्रदान करता है| सूर्य को जल अर्पित करना, पूजा और नमन करना सूर्यदेव के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनुष्य द्वारा किया जाता है| 

हमें सुबह जल्दी उठकर, स्नान करके ताम्बे के कलश में जल भरकर नंगे पैर सूर्यदेव को मंत्रोच्चार के द्वारा जल अर्पित करना चाहिए| सुबह जल्दी उठने पर हमारे शरीर को अनेक लाभ प्राप्त होते है| सूर्य को जल चढ़ाने का कार्य दोपहर बारह बजे से पहले ही करना चाहिए| 

ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से मानव के सूर्य ग्रह को बलवान करने के लिए सूर्यदेव की पूजा जल चढ़ा कर करना चाहिए| भाग्य को अनुकूल करने के लिए नियमित रूप से सूर्योपासना करनी चाहिए|

सूर्य को जल चढ़ाने का वैज्ञानिक कारण_HIndusanskriti

सूर्य को जल चढ़ाने के पीछे कई वैज्ञानिक कारण है –

  • सूर्य ऊर्जा का प्रतीक है| 
  • सुबह सूर्य की किरणों से हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है| 
  • सूर्य के प्रकाश में हानिकारक बेक्टेरिया दूर करने का गुण होता है जो हमें निरोगी बनाने में सहायक होता है| 
  • सुबह सूर्य के दर्शन करने पर मन में प्रसन्नता का अनुभव होता है और बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है|
  • सूर्य को नियमित जल चढ़ाने पर व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है| 
  • सूर्य को नियमित जल चढ़ाने पर मन एकाग्रचित्त होता है| 
  • सूर्य को नियमित जल चढ़ाने पर दिमाग सक्रिय होता है और इच्छाशक्ति मजबूत होती है|

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सुबह की सूर्य की किरणों _Hindusanskriti

  • मानसिक रोगों और सरदर्द, तनाव, अनिंद्रा आदि रोग में सूर्य की किरणे शरीर पर पड़ने से लाभ पहुँचता है| 
  • सूर्य को जल अर्पित करने से ब्रम्हांड की कॉस्मिक ऊर्जा हम अपने अंदर ले लेते है जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है|
  • सूर्य नमस्कार की बारह यौगिक क्रिया के बाद जल चढ़ाने पर मन की एकाग्रता, आँखों की रौशनी, और रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है|
  • सुबह की सूर्य की किरणों से हमें विटामिन-डी (Vitamin-D ) पर्याप्त मात्रा में मिलता है| जो हमारे शरीर को बलशाली, निरोग बनाने में मददगार है| 
  • जल सूर्य को जल अर्पित किया जाता है तो सूर्य की किरणे जल के माध्यम से दर्शन करने पर नेत्रों के लिए और पूरे शरीर के लिए लाभकारी सिद्ध होती है| 
  • सूर्य की सुबह की किरणों का लाभ जल चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा में धूप स्नान के माध्यम से भी किया जाता है| 
  • मंत्रो में बड़ी शक्ति होती है यह हमारे प्राचीन ऋषि मुनियो ने अपने ग्रंथो में बताया है| सूर्य को जल अर्पित करना मंत्रोच्चार के माध्यम से बहुत ही प्रभावी हो जाता है|

सूर्य को जल अर्पित करने की प्रथा जो प्राचीन काल से चली आ रही है इसके धार्मिक, वैज्ञानिक, व स्वस्थ की दृष्टि से लाभ हमारे मानव जीवन के लिए प्रकृति का बहुमूल्य उपहार है| 

आधुनिक पीढ़ी के युवक, युवतियों और बच्चों को भी हमारी श्रेष्ठ संस्कृति, परम्पराओ का पालन श्रद्धापूर्वक करना चाहिए|   

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