मौन व्रत क्या है और मौन व्रत के लाभ | Benefits of Silence
Published on: May 8, 2023

मौन व्रत क्या है और मौन व्रत के लाभ

 

हमारी भारतीय संस्कति में पुरातन काल से ही मौन व्रत की महिमा का उल्लेख ऋषि मुनियो द्वारा धर्मशास्त्र, उपनिषदों में किया गया है| मौन को परमाराध्य, महानपुण्यदायी और पापहारी भी कहा गया है| हमारे हिन्दू धर्म में चातुर्मास, मौनी अमावस्या, मौनी एकादशी पर मौन व्रत रखने का बड़ा महत्त्व बताया है|

मनुष्य की आध्यात्मिक उन्नति के लिए वाणी की शुद्धता आवश्यक है| मौन व्रत करने पर वाणी नियंत्रित होती है और शुद्ध होती है| मौन व्रत एक साधना है जिससे आप अपनी शक्ति के नियंत्रण के बारे में सीख सकते है | मौन की शक्ति असाधारण होती है| मौन व्रत मानसिक तप का प्रधान अंग है | 

मौन व्रत के लाभ_ Hindusanskriti

मौन दो प्रकार के होते है – वाणी ( शब्दों ) के द्वारा, मन के द्वारा 

मौन एक विलक्षण सद्गुण है जिसके द्वारा मनुष्य असाधारण शक्तिया प्राप्त कर सकता है| केवल वाणी के द्वारा ही नहीं बल्कि जब मन, विचार शून्य होता है तो मौन की स्थिति होती है| 

मनुष्य मौन के द्वारा आत्मज्ञान प्राप्त करके, मन को एकाग्र करने का प्रयास करता है| मनुष्य दृढ संकल्प लेकर अपनी क्षमता के अनुसार मौन व्रत का पालन करके अपने को परमात्मा के निकट पा सकता है|

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Benefits of Silence_ Hindusanskriti

मौन व्रत रखने के लाभ –

मन को शुद्ध रखने के लिए मानसिक तप की आवश्यकता होती है| जब मन एकाग्र हो जाता है तो मनुष्य का मनोबल बढ़ता है| सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है| शरीर तेजस्वी बनता है|

विचारो का बोझ हमारे मन बुद्धि को भ्रमित करता है मन को स्थिर व शांत रखने के लिए मौन व्रत बहुत लाभदायी है|

अवसाद, मानसिक विकार, तनाव आदि दूर करने में भी मौन व्रत सहायक है| 

मौन व्रत रखने पर स्मरण शक्ति बढ़ती है| 

मौन रखकर मनुष्य अपने क्रोध पर नियंत्रण पा सकता है|

मौन व्रत वाणी के, मन के और इन्द्रियों के वेग को रोकता है|

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मौन व्रत रखने पर स्मरण शक्ति बढ़ती है _Hindusanskriti

मौन व्रत मानसिक ऊर्जा बचाने का एक बहुत अच्छा उपाय है| 

मौन रहने पर कई समस्याएँ जैसे विवाद, झगडे आदि से बचा जा सकता है|

शब्दों में अपार शक्ति होती है अगर उसका उचित प्रयोग करने के लिए मौन रखना लाभदायी है| 

मौन के द्वारा जो ऊर्जा प्राप्त होती है उससे हमारी वाक् शक्ति अधिक प्रभावशाली हो जाती है|

मौन के द्वारा मनुष्य को मानसिक शांति मिलती है जिससे ह्रदय रोग, रक्तचाप संबंधी समस्याएँ दूर करने में सहायता मिलती है|

व्यर्थ में मनुष्य अपनी वाक् शक्ति का उपयोग करके ऊर्जा क्षय करता है मौन व्रत रखकर वह अपनी ऊर्जा का समुचित उपयोग कर सकता है|

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