जानिए मौली क्यों बांधते है? मौली एक पवित्र धागा है इसे कलावा के नाम से जाना जाता है | मौली को संस्कृत में मुकुट कहा जाता है ओर इसका अर्थ सबसे ऊपर होता है मौली एक सूत का धागा होता है इसे सूत में काता जाता है इन्हे लाल, पीले रंग और हरे रंग के संयोजन में रंगा जाता है |...
धर्म और परम्परा
क्यों भगवान् गणेश पहले पूजे जाते हैं? | Why is Lord Ganesha Worshipped First?
क्यों भगवान् गणेश पहले पूजे जाते हैं? सनातन हिन्दू धर्म में आस्था विश्वास के केंद्र है भगवान् गणेश हमारी भारतीय हिन्दू संस्कृति में प्राचीन समय से देवी-देवताओ का पूजन अर्चन किया जाता रहा है| हिन्दू परम्पराओ के अनुसार भगवान् गणेश का पूजन सभी शुभ मांगलिक कार्यो पूजा,...
हवन और यज्ञ की भारतीय संस्कृति में महत्ता | Importance of Havan and Yagya in Indian Culture
हवन और यज्ञ की भारतीय संस्कृति में महत्ता हमारी भारतीय हिन्दू संस्कृति में अनेक धार्मिक अनुष्ठानो, संस्कारो में हवन और यज्ञ को बहुत ही पवित्र कार्य माना गया है| हवन एक वैदिक अनुष्ठान है जिसे होम भी कहा जाता है | प्रतिदिन हवन करने को दैनिक अग्निहोत्र भी कहा जाता है|...
हिन्दू संस्कृति में दान का महत्त्व | Importance of Charity in Hindu Culture
हमारे हिन्दू संस्कृति में दान की महिमा का गुणगान प्राचीन समय से होता आ रहा है | दान का अर्थ है देने की क्रिया| निस्वार्थ भाव से दिया गया दान सर्वोत्तम माना गया है| हमारे सनातन धर्म में विशेष तिथियों, त्योहारों, धार्मिक आयोजनों पर भक्ति भाव से दान देने की परंपरा रही...
हमारी प्राचीन भारतीय परंपरा का प्रतीक तोरण | The Reason Behind Toran
भारत एक संस्कृति प्रधान देश है| तोरण शुद्धता, पवित्रता का प्रतीक है, इसे वंदनवार भी कहा जाता है| तोरण संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है जिसका अर्थ प्रवेश द्वार है| इसे तमिल में तोरणम भी कहा जाता है| बौद्ध ग्रंथों के अनुसार इसे पवित्र द्वार या प्रवेश द्वार कहा जाता है| ...
जानिए सिर ढकने का महत्त्व और कारण | Importance and Reasons for Covering the Head
हिन्दू संस्कृति में महिलाओ और पुरुषों द्वारा पवित्र स्थानों एवं मंदिरो में सिर ढकने की परंपरा सदियों से चली आ रही है | सिर को नकारात्मक शक्तियों से बचाये रखने के लिए हिन्दू धर्म में विशेषकर उत्तर भारत में कोई भी धार्मिक आयोजन बिना सिर ढके नहीं होता है | प्राचीन काल...
तुलसी के पौधे और माला – आध्यात्मिक ताकत और वैज्ञानिक फायदे | Benefits of Tulsi Plant and Mala
तुलसी को पवित्र दैवीय गुणों से युक्त पौधा माना जाता है तुलसी की महिमा का वर्णन अनेक शास्त्रों, पुराणों में किया गया है | यह एक साधारण पौधा नहीं बल्कि दैवीय गुणों से युक्त असाधारण पौधा है | हिन्दू शास्त्रों के अनुसार यह एक पूजनीय पौधा है जो हिन्दू धार्मिक आस्था का...
रुद्राक्ष क्या है? What is Rudraksha?
रुद्राक्ष क्या है तथा इसका अर्थ क्या है? हमारी हिन्दू धर्म संस्कृति में रुद्राक्ष को एक पवित्र दैवीय गुणों से युक्त मनका माना जाता है | ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर की आँखों के जलबिंदु ( अश्रु ) से हुई है। यह आध्यात्मिक चेतना को जाग्रत करने के...
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष: भारतीय संस्कृति में जीवन के आधार | Four Pillars of Bhartiya Sanskriti
मनुष्य विधाता की सर्वोत्कृष्ट रचना है | मानव जीवन का उद्देश्य क्या है, मानव जीवन का लक्ष्य क्या है और इसको प्राप्त करने के साधन क्या है इन सभी प्रश्नो का उत्तर हमारे ऋषि-मुनियो ने पुरुषार्थ चतुष्टय के रूप में दिए है | भारतीय संस्कृति का भव्य भवन चार स्तंभो पर खड़ा है...
क्यों भारतीय हिन्दू संस्कृति एक महान संस्कृति है| Unveiling the secrets of the great Indian Hindu culture
भारतीय हिन्दू संस्कृति एकमात्र ऐसी संस्कृति है जो मनुष्य को सच्चा व श्रेष्ठ बनाने की भावना व क्षमता से ओतप्रोत है | भारतीय संस्कृति अपने सार्वभौम स्वरुप शाश्वत मूल्यों के आधार पर विश्व संस्कृति में अपना अमूल्य योगदान दे सकती है | भारतीय संस्कृति का मूल उसकी बौद्धिक...
अतिथि देवो भव: क्या है | Know All About Atithi Devo Bhavah
सनातन हिन्दू धर्म में अतिथि देवो भव: संस्कृत के तैत्तिरीय उपनिषद से लिया गया है यह एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ होता है अतिथि देवता के समान होता है | हमारी संस्कृति में प्राचीन काल से भिक्षा मांगने वाले याचक, धर्म प्रचारक, सन्यासी, और साधु संत को बहुत ही सम्मान...
जाने महिमा ॐ की (ओंकार) | Benefits of chanting OM
भारतीय परंपरा में प्रत्येक मंत्र का शुभारंभ ॐ (ओंकार) शब्द से होता है | यह स्वयं में एकाक्षरी मंत्र है | इसी से सारे मंत्र प्रस्फुटित हुए है | ओंकार शब्द को शब्दब्रह्म और नादब्रह्म भी कहा जाता है | यह ब्रह्म का प्रतीक है | ॐ एक संस्कृत शब्द और प्राचीन मंत्र है जिसका...