ये है भूमि पर बैठ कर भोजन करने के फायदे –
भूमि या ज़मीन पर भोजन करना हमारी हिन्दू संस्कृति की परंपरा है| भूमि पर बैठकर भोजन सुखासन की स्थिति में किया जाता है| सुखासन एक ऐसी स्थिति है जिसका प्रयोग हम आम तौर पर योगासन के लिए करते है|
जब आप भूमि या ज़मीन पर बैठते है तो आप आमतौर पर आलथी-पालथी (cross-legged) बैठते है| सुखासन या अर्द्ध पद्मासन में जो मुद्राए होती है वह तुरंत ही भावना लाती है और पाचन में मदद करती है| ऐसा माना जाता है भोजन पचाने के लिए आपके मस्तिष्क में अपने आप संकेत पहुँचती है|
अर्द्ध पद्मासन मुद्रा की जो इस्थिति होती है उसका प्रभाव सीधे हमारे शरीर पर होता है|
हमें भूमि पर बैठकर क्यों खाना चाहिए?
हम भूमि पर बैठकर खाना कहते है तो वजन घटाने में भी महत्वपूर्ण लाभ होता है| जब हम इस स्थिति में बैठते है, तो हमारा मस्तिष्क अपने आप शांत हो जाता है और भोजन पर ध्यान केंद्रित बेहतर ढंग से होता है| इसके अलावा बैठकर भोजन करने से आपके शरीर को तृप्ति मिलती है और मन संतुष्ट हो जाता है|
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भूमि पर खड़े खड़े भोजन क्यों नहीं करना चाहिए?
अपनी मर्ज़ी और सुविधा के अनुसार भोजन करने का चलन बढ़ गया है| अगर हम खड़े हो कर भोजन करने पर आते सिकुड़ जाती है| पाचन सम्बंधित कब्ज की समस्याएं, मोटापे की समस्याएं बढ़ जाती है| खड़े हो कर भोजन करने पर मन एकाग्र नहीं रहता है और शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाते है| जल्द बजी में अधिक खाना खाने से आहार नाली पर गलत प्रभाव पढता है|
भूमि पर आसन बिछा कर भोजन करना एक आदर्श इस्थिति है| सुखासन मुद्रा हमारे मस्तिष्क को भोजन पचने का संकेत देती है|
क्या भूमि पर बैठकर भोजन करने से आपका वजन कम हो सकता है ?
अक्सर कहा जाता है कि भूमि पर बैठकर भोजन करना कुर्सी पर बैठने से बेहतर होता है और यह आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए अच्छा है| हमारे यहाँ भूमि पर खाना खाना सदियों पुरानी परंपरा है| हमारे बुजुर्ग हमरी नानी, दादी हमें भूमि पर बैठकर खाना खाने को कहती थी क्योकि जमीन पर खाना खाने से हमें कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सकते है|
इस प्राचीन परंपरा की जड़ें योग और आयुर्वेद में हैं और यह विज्ञान समर्थित स्वास्थ्य लाभों के साथ भी आती है| आयुर्वेद के अनुसार खाना खाते समय भूमि पर बैठने का मतलब सुखासन या क्रॉस लेग्ड पोजीशन में बैठना है| नतीजा, यह भोजन करते समय योग करने जैसा है और यह आपको आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने की ओर भी ले जाता है।
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आइए जानें कि खाने के लिए भूमि पर बैठने से क्या लाभ है –
खाने के दौरान भूमि पर बैठने से शरीर की मुद्रा में सुधार होता है और क्योंकि आप एक क्रॉस-लेग्ड मुद्रा में बैठे हैं, यह हृदय को रक्त पंप करने और प्रसारित करने में मदद करता है। शरीर के अन्य भागों को भी लाभ पहुँचता है|
आजकल टेबल कुर्सी पर खाना खाने का चलन हो गया है| यहाँ तक की लोग पलंग-सोफे आदि पर भी बैठकर भोजन कर लेते जो अनुचित है| आजकल लोग भोजन कक्ष एवं टेलीविज़न के सामने टेबल-कुर्सी पर भोजन करते है जिससे उनके शरीर को भोजन के पूरे लाभ नहीं मिल पाते है| आपको लगता है की सोफे या डाइनिंग टेबल आराम से खाना खाने के लिए बेहतर जगह है तो आप गलत सोचते है| डाइनिंग टेबल पर भोजन करने को लोग आजकल स्टेटस सिंबल भी मानते है|
यहाँ हमने कुछ महत्वपूर्ण कारण बताये है कि आपको भूमि पर बैठकर खाना क्यों खाना चाहिए –
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अपच में मदद करता है –
जब हम भूमि पर पेरो को क्रॉस लेग्स करके बैठते है तो यह हमारी पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है | अपनी थाली को जमीन पर रखें, और खाने के लिए अपने शरीर को थोड़ा आगे की ओर झुकाए और फिर वापस अपनी मूल स्थिति में आ जाएं। अगर हम यह क्रिया बार-बार करे तो हमारे पेट की मांसपेशिया सक्रिय हो जाती है, जिससे पेट के एसिड (Gastric Juice) जो हमारे पाचन के लिए जिम्मेदार होता है, और भोजन तेजी से पचाता है |
ऐसा माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति भोजन करने के लिए भूमि पर क्रॉस लेग्स की स्थिति में बैठता है, तो यह मस्तिष्क को एक संकेत भेजता है जो शरीर को पचाने के लिए तैयार करता है|
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वजन कम करने में मदद करता है –
भूमि पर खाना खाने से भी वजन कम होता है| उठने बैठने से शरीर की गति बढ़ती है और यह आपको जल्दी बारे हुआ महसूस करने में भी मदद करता है| कुर्सी पर बैठने के बजाय एक चटाई बिछाएं, अपने पैरों को क्रॉस करें और अपनी पीठ को सीधा रखें। भूमि पर भोजन करने से आपकी रीड़ की हड्डी भी मजबूत बनती है|
अगर आप मोटापा कम करना चाहते हैं तो नियमित रूप से इस पैटर्न का पालन करें। यह पोजीशन आपके दिमाग को आराम देने में भी असरदार है और इसलिए आपको ज्यादा खाने की अनुमति नहीं देती है। यह थकान और शरीर की कमजोरी को कम करने में भी मदद करता है।
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रक्त संचार बढ़ाता है –
भूमि पर बैठकर भोजन करने से हमारे शरीर में रक्त संचार सुचारु रूप से होता है | यह दिल को स्वस्थ रखता है जैसे जब हम बैठे होते हैं हमारे शरीर और हृदय पर दबाव कम होता है। सुखासन में रक्त का प्रवाह पूरे शरीर में समान रूप से वितरित होता है।
जब आप सुखासन में बैठते हैं तो इससे पैरों का रक्त संचार कम हो जाता है और अतिरिक्त रक्त हृदय के माध्यम से अन्य अंगों में जाने लगता है जिससे पाचन के लिए आवश्यक गतिविधि बढ़ जाती है।
यह तनाव को भी दूर करता है और मन को एकाग्र करता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। याद रखें, यदि आप कुर्सी पर बैठते हैं तो यह संभव नहीं है क्योंकि इस स्थिति में आपके पैर आपके दिल के नीचे होते हैं और यह आपके पैरों में रक्त संचार को निर्देशित करता है, जबकि आप भूमि पर क्रॉस लेग करके बैठते हैं।
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मुद्रा में सुधार –
भोजन करते समय सही मुद्रा बनाए रखना वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है। भोजन करते समय सही मुद्रा आपकी मांसपेशियों, जोड़ों, घुटने, पीठ, गर्दन और हाथों पर अत्यधिक तनाव की संभावना को कम करने में आपकी मदद करेगी।
भूमि पर बैठने के दौरान आपकी मुद्रा अपने आप ठीक हो जाती है, जिससे आपकी पीठ सीधी हो जाती है, आपकी रीढ़ की हड्डी पर जोर नहीं पड़ता है |
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मन और शरीर को आराम देता है –
पद्मासन और सुखासन ध्यान के लिए आदर्श स्थिति हैं और मन से तनाव को दूर करने में बहुत लाभ करते हैं। यह सांस लेने के व्यायाम करने के लिए भी एक उत्कृष्ट स्थिति है, जो बदले में शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाती है। कंधे की मांसपेशियों को आराम देता है।
प्राचीन समय में सभी लोग भूमि पर बैठ कर ही भोजन करते थे| भूमि पर बैठ कर भोजन करने से भूमि की चुम्बकीय शक्ति से सम्पर्क बन जाता है, जो भोजन पचने में मदद करती है| भोजन ही शरीर को शक्ति देता है इसलिए उचित तरीके से ही भोजन करना चाहिए|
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