जानिए सिर ढकने का महत्त्व और कारण | Importance and Reasons for Covering the Head
Published on: May 1, 2023
महिलाएँ सिर क्यों ढकती हैं_Hindu Sanskriti

हिन्दू संस्कृति में महिलाओ और पुरुषों द्वारा पवित्र स्थानों एवं मंदिरो में सिर ढकने की परंपरा सदियों से चली आ रही है | सिर को नकारात्मक शक्तियों से बचाये रखने के लिए हिन्दू धर्म में विशेषकर उत्तर भारत में कोई भी धार्मिक आयोजन बिना सिर ढके नहीं होता है | प्राचीन काल में सभी स्त्री पुरुष सिर ढककर ही रखते थे | सिर को नकारात्मक शक्तियों से बचाये रखने के लिए हिन्दू संस्कृति में इस प्रथा को मान्यता दी गई है | 

पुरुषों की अपेक्षा महिलाओ का मस्तिष्क अधिक संवेदनशील होता है | अधिकांश महिलाएँ सिर पर पल्लू या ओढ़नी रखकर विशेष रूप से मंदिर, गुरुद्वारा, आदि पवित्र स्थानों पर दर्शन करने जाती है | उत्तर भारत के सभी प्रांतो में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रो में आज भी सिर ढकने की प्रथा है | पुरुष भी पगड़ी, टोपी, साफा बांधकर रखते है | पवित्र धार्मिक स्थानों पर आज भी बिना सिर ढके प्रवेश निषिद्ध है | 

सिर ढककर रहना लाभदायी_Hindu Sanskriti(1)

अपने बड़े बुजुर्ग को आदर सम्मान देने के लिए महिलाएँ सिर ढका करती है | आधुनिक महिलाये इस परंपरा को कम निभाती है | सिर ढकने पर महिलाओ का व्यक्तित्व गरिमामयी दिखता है और उन्हें देखकर आदर भाव उत्पन्न होता है | 

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सिर ढककर पवित्र स्थानों पर जाती है तो नकारात्मक शक्ति से बचाव होता है | सिर के मध्य एक चक्र होता है जो आपका ध्यान केंद्रित करता है जिससे मंदिर में अपने आराध्य देव का ध्यान शांत भाव के कर पाते है | मन को एकाग्र करने के लिए सिर ढकने की प्रथा मंदिर, पूजा स्थलों में पुराने समय से चली आ रही है | महिलाएँ सिर ढककर श्रद्धा-भाव से देवी-देवताओ का आशीर्वाद प्राप्त करती है | 

सिर ढककर पवित्र स्थानों पर जाने _Hindusanskriti

वैज्ञानिक दृष्टि से भी सिर ढककर रहना लाभदायी है | आकाशीय विद्युत तरंगे खुले सिर में अनेक मनोरोग, नेत्रपीड़ा, सिरदर्द, आदि उत्पन्न करती है | इन सब से बचाव के लिए सिर ढककर ही महिलाये विशेष रूप से पवित्र स्थानों पर जाती है | 

सिर ढकने के महत्त्व –

  • अधिकांश धर्मों में सिर ढकने को शालीनता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है |
  • धार्मिक रीति-रिवाजों और व्यावहारिक उद्देश्यों दोनों को शामिल किया जाता है।
  • हिन्दू धर्म के अलावा अन्य धर्मो में भी सिर ढककर अपने परमपिता को श्रद्धा पूर्वक स्मरण किया जाता है | 
  • हिंदू मंदिरों और गुरुद्वारों में, भगवान की श्रद्धा के प्रतीक के रूप में सिर को ढंकना अनिवार्य है। 
  • सिर ढकने पर मन में सकारात्मक भाव जाग्रत होते है | 

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