हिन्दू संस्कृति के अनुसार गाय की पूजा का महत्त्व | Importance of Cow Worship
Published on: May 12, 2023
गौमाता का पूजन_Hindusanskriti

हिन्दू संस्कृति के अनुसार गाय की पूजा का महत्त्व –

वैदिक संस्कृति में गाय को एक विशेष महत्त्व दिया गया है| अनेक पुण्यो को देने वाली गाय एक पशु ही नहीं वरन दैवीय शक्ति है जो पूजनीय है| हमारे भारतीय सनातन धर्म में गाय आस्था का प्रतीक है| गाय के विलक्षण गुण से कारण वह हमारी माता के समान पूजनीय है| हमारे हिन्दू धर्म में प्राचीन काल से गौमाता की पूजा बड़े आदर के साथ श्रद्धा भाव से की जा रही है| अपने विशिष्ट गुणों के कारण गाय मनुष्य के लिए वरदान से कम नहीं है| हिन्दुओ द्वारा गाय की पूजा कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए की जाती है|  गौवर्धन पूजा और गोपाष्टमी पर्व पर गायो की पूजा बड़े हर्ष-उल्लास के साथ धूमधाम से विधिवत की जाती है|                    

ब्रह्म वैवर्त पुराण में भगवान् श्री कृष्ण ने गौमाता की महिमा का वर्णन किया है| उसे पूजनीय कहा गया है| 

महाभारत के दान धर्म पर्व में भी बताया गया है कि गौएँ सम्पूर्ण प्राणियों की माता है| 

पराशर स्मृति में बताया गया है कि गाय के शरीर में देवताओ का वास होता है| 

मनुष्य गौमाता का ऋणी है| धार्मिक दृष्टि से गौमाता का पूजन करना एक पुण्य का कार्य है| हमारी हिन्दू संस्कृति में ईश्वर का दर्शन प्रकृति में करते है| नदियों, समुद्र, वृक्ष, तुलसी, पीपल, बरगद, गाय आदि का पूजन हम ईश्वर की पूजा के समान करते है| कहा जाता है गौमाता के दर्शन से अकाल मृत्यु नहीं होती है| गौ दान का भी हमारी संस्कृति में बड़ा महत्त्व है| 

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गौमाता की पूजा क्यों करते है_Hindusanskriti

भगवान् कृष्ण हिन्दूओ के परमदेव है जिन्हे गोविंदा और गोपाला के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ गायो के मित्र व रक्षक है| भगवान् कृष्ण गायो के परम हितैषी थे| 

ज्योतिषो के अनुसार नवग्रह की पीड़ा दूर करने में भी गौमाता  मनुष्य को सहायता पहुँचाती है| 

घर के वास्तु दोष दूर करने में भी घर के आंगन में बंधी गाय शुभ कारक है| 

वैज्ञानिक दृष्टि कोण से भी बताया गया है कि गाय ऑक्सीजन लेती है और ऑक्सीजन ही छोड़ती है| जहाँ गाय होती है वहाँ का वातावरण सकारात्मक हो जाता है| 

हमारा कृषि प्रधान देश होने के कारण गाय का हमारी अर्थ व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है| 

गाय पृथ्वी पर मानव जीवन के लिए वरदान है| 

Importance of worshiping cow in Indian Culture_Hindusanskriti

हिन्दू संस्कृति में गाय एक पवित्र पालतू पशु है जो विपरीत परिस्थितियों में भी जीवित रह कर आजीवन मनुष्य को अमृत के समान दूध, गोबर, गौमूत्र देती है| गाय केवल घांस, भूसा, पानी के अतिरिक्त कुछ नहीं लेती उससे कई गुणा अधिक वह हमें लौटा देती है| इसी कारण हिन्दू लोग गाय की पूजा तथा सम्मान करते है|

गाय हमें अमृत समान दूध देती है जो नवजात शिशुओं के लिए शुद्ध आहार है| 

गाय एक पवित्र पशु है जो अपने विशिष्ट गुणों के कारण जो दूध देती है वह सुपाच्य होता है|

गाय के दूध में अनेक अमूल्य तत्व पाए जाते है जो हमें स्वस्थ बलवान निरोग बनाते है|

दूध से प्राप्त दही, घी, मक्खन, पनीर हमारे भारतीय भोजन में मुख्य सामग्री है|

आयुर्वेद के अनुसार देशी गाय का शुद्ध गौघृत घी औषधियों को बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है| 

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गौमाता की महिमा_Hindusanskriti

गाय से प्राप्त गौमूत्र में ऐसे गुण होते है जो हानिकारक बैक्टीरिया (bacteria) दूर करते है वातावरण में सकारात्मकता लाते है| गौमूत्र को पवित्र माना जाता है| भूमि को पवित्र करने के लिए गौमूत्र का छिड़काव किया जाता है| 

गौमूत्र को कीटनाशी के रूप में भी मिट्टी को उपजाऊ बनाने में, फसल को कीड़ो से बचाने में भी उपयोग में लाया जाता है| रासायनिक पदार्थो के उपयोग करने से मिट्टी फसल और मानव जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है| वैज्ञानिको के अनुसार गंगाजल के बाद में गौमूत्र में कैंसर जैसी बीमारी दूर करने के गुण है|

गाय से प्राप्त गोबर से कंडे, उपले बनाये जाते है जिनका उपयोग यज्ञ, हवन, पूजन आदि धार्मिक कार्यो में किया जाता है| भोजन तैयार करने में भी कंडो का उपयोग किया जाता है| गोबर से बनी खाद मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है|

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गौमाता का पूजन_Hindusanskriti

गोबर से प्राप्त बायो गैस बिजली उत्पादन, ईंधन, और भोजन बनाने के लिए उपयोग होता है|

रेडियोधर्मी विकिरण, जीवाणुरोधी गुण होने से गांवों में घरो की दीवारे, फर्श आदि गोबर से लीपे जाते है| जिससे मच्छर, कीड़े आदि नहीं आते है|

जहाँ गाय रहती है वहाँ का वातावरण सकारात्मक हो जाता है| पूर्ण श्रद्धा, विश्वास से गौमाता की पूजा करना अनिष्ट दूर करना है| गौग्रास देने पर सुख, सौभाग्य और घर में खुशहाली आती है|

इन सभी गुणों को देखते हुए प्रत्येक हिन्दू को गौमाता का पूजन करना चाहिए और गौवंश रक्षा करनी चाहिए| 

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