जाने कर्ण छेदन और कर्ण आभूषण का महत्त्व | Know the Importance of Ear Piercing and Earring
Published on: May 9, 2023

सनातन हिन्दू धर्म वैज्ञानिक आधारित धर्म है, इसका महत्त्व सदिया बीत जाने पर भी बढ़ रहा है | भारतीय समाज में कर्ण छेदन की परंपरा बहुत पुराने समय से चली आ रही है | एयरिंग्स कान में पहने जाने वाला सुन्दर, मनोहर आभूषण है| 

कर्ण छेदन संस्कार धार्मिक एवं स्वास्थ्य दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है| 

कर्ण छेदन संस्कार हिन्दू संस्कृति के हिसाब से 16 संस्कार में आता है| कर्ण आभूषण भारतीय नारी के 16 श्रृंगार में आता है|

कान में पहने जाने वाले एअर्रिंग को कुण्डल, कर्णफूल, कान की बाली, झुमका, लटकन आदि रूप में जाना जाता है| ये सोने, चाँदी, आदि धातु से बने श्रेष्ठ होते है| 

भारतीय समाज में शिशु, महिलाएँ, पुरुष सभी बड़े चाव से पहनते है| हिन्दू संस्कृति में विवाहित महिलाएँ सुहाग चिन्ह के रूप में पहनती है | कर्ण आभूषण पहनने से मुख की शोभा कई गुना बढ़ जाती है| आज कल युवक युवतियाँ फैशन के रूप में भी पहनते है| महिलाएँ अपने मुख मंडल के अनुसार कर्ण आभूषण धारण करती है|

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कर्णछेदन संस्कार_Hindusanskriti

कर्ण आभूषण (एयरिंग्स) पहनने से क्या लाभ है?

कर्ण आभूषण के कई स्वस्थ लाभ भी है –

आयुर्वेद के अनुसार कान में इयररिंग्स पहनने से शरीर में ऊर्जा का संचार उचित रूप से होता है| शिष्यों का कर्ण छेदन मस्तिष्क के विकास में सहायक होता है| माना जाता है कि एयरिंग्स पहनने से सुनने और देखने की क्षमता बढ़ जाती है| 

महिलाओं से सम्बंधित स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में भी कान में पहने जाने वाले कान की बाली, कुण्डल, झुमके, कर्णफूल आदि सहायक होते है| इन्हे पहनने से तन-मन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है|

कर्ण पाली (ear lobe) पर acupressure point  होते है जो स्वस्थ सम्बंधित समस्यों को दूर करने में सहायक होते है|

कर्ण छेदन_Hindusanskriti

एक्यूप्रेशर चिकित्सको का यह मानना है कि बच्चो के कान को कम उम्र में छिदवाने से बच्चो के दिमाग का उचित विकास होता है|

आयुर्वेद के अनुसार जहाँ कान छिदवाया जाता है वहाँ पर दो एक्सूप्रेशर बिंदु होती है ये बिन्दूए बच्चो कि सुनवाई को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और यह टिटनस के लक्षणों को दूर करने में मदद के लिए अच्छी जगह है|

कर्ण आभूषण पहनने से चिंता, घबराहट मानसिक तनाव दूर होता है| कई समुदायों में लड़को के भी कान छिदवाये जाते है उनका मानना है कि इससे उनके प्रजनन स्वस्थ को बनाये रखने में मदद करती है| 

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कर्ण छेदन होने पर बौद्धिक क्षमता बढ़ जाती है_Hindusanskriti

इयररिंग्स पहनने के लाभ तभी मिल सकते है जब यह उत्तम कोटि की धातु से बनी हो| आर्टिफीसियल (artificial) ज्वेलरी शरीर के लिए हानिकारक होती है| 

कर्ण आभूषण पहनने से लकवा जैसी गंभीर बीमारी की संभावना भी कम होती है। 

अगर पुरुष कान छिदवाते हैं तो उनमें हर्निया की बीमारी खत्म हो जाती है। 

इससे पुरुषों के अंडकोष और वीर्य के संरक्षण में भी लाभ मिलता है। 

कर्ण छेदन होने पर बौद्धिक क्षमता बढ़ जाती है और मस्तिष्क में रक्त संचार सुचारु रूप से होता है|

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