मंदिर में घंटी बजाने के महत्त्व | Significance of Ringing the Bell in the Temple
Published on: December 31, 2022

घंटी क्या है?

प्राचीन हिन्दू संस्कृति में घंटी ( Bell ) का बहुत महत्त्व है | घंटी ( Bell ) जिसको घंटा के नाम से जाना जाता है और संस्कृत में इसे घंटी कहते है यह हिन्दू पूजा में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा निभाती है जब भी हम पूजा करते है या किसी मंदिर में प्रवेश करते है जब हम घंटी बजाते है | ये घंटियाँ कई धातुओं से मिलकर बनती है जैसे- अष्टधातु, पीतल, कैडमियम, जिंक, मैंगनीज़, क्रोमियम, इन सभी धातुओं के मिश्रण से बनती है |

Temple bell- Hindu Sanskriti

मंदिर में घंटी बजाने के 7 महत्त्व –

  1. घंटी बजाने से एक दिव्य ध्वनि निकलती है ॐ जो सकारात्मक ऊर्जा को उत्पन्न करती है | 

प्राचीन काल में ऐसा कहा गया है कि – 

घंटी का उपयोग बुरी ताकतों को दूर करने के लिए किया जाता है |

2. वैज्ञानिको के अनुसार घंटी बजाने से हमारा मस्तिष्क शांत रहता है | 

3. ये घंटियाँ इस तरह से बनाई जाती है कि इनकी ध्वनि हमारे दिमाग के बाँए और दाँए दोनों हिस्सों में तरंग उत्त्पन्न करती है | हम जब इसे बजाते है तब ये कम से कम ७ सेकंड तक इको मोड पर चलती है 

4. ऐसा कहा जाता है कि मंदिर में जाने से पहले घंटी बजानी चाहिए इसे बजाने से हमारे अंदर एक तरंग ( vibration ) उत्त्पन्न होती है जिससे मन में सकारात्मक भाव जागते है |

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Ghanti bajane ke mahatv- Hindu Sanskriti

स्कन्द पुराण में ऐसा बताया गया है कि – घंटी बजाने से मनुष्य के सौ पाप दूर हो जाते है | 

5. जहाँ पर घंटी की आवाज साफ़ सुनाई देती है वहाँ के मंदिरो को जाग्रत देव कहा जाता है |

6. घंटी बजाने से भगवान् भक्त की प्रार्थना सुन लेते है और इसे बजाने से नकारात्मक शक्तियों को दूर किया जा सकता  है |

7. घंटी बजाने से इसकी ध्वनि हमारे शरीर के सातों चक्र को छूती है जिसकी मदद से हमारे शरीर को पूरी तरह से आराम होता है |