जानिए मौली क्यों बांधते है? Know Why Mauli Thread is tied?
Published on: May 31, 2023
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जानिए मौली क्यों बांधते है?

मौली एक पवित्र धागा है इसे कलावा के नाम से जाना जाता है | मौली को संस्कृत में मुकुट कहा जाता है ओर इसका अर्थ सबसे ऊपर होता है मौली एक सूत का धागा होता है इसे सूत में काता जाता है इन्हे लाल, पीले रंग और हरे रंग के संयोजन में रंगा जाता है | इसके बिना किसी भी देवी देवताओ का पूजन अधूरा होता है | मौली देवी-देवताओं को श्रध्दा के रूप में अर्पित जाने वाली पवित्र पूजन सामग्री है | 

हिन्दू संस्कृति में प्राचीन काल से मौली के कई धार्मिक महत्व है | जैसे की हम जानते है कि मौली का शाब्दिक अर्थ मुकुट है इसलिए भगवान् शिव को चंद्रमोली कहते है | हमारे शास्त्रों में कहा जाता है वामन राजा जो भगवान् विष्णु के अवतार है उन्होंने राजा बलि की कलाई में रक्षा धागा बांधकर उनको अमरता का वरदान दिया तभी से मौली को बांधने की परंपरा चली आ रही है |

मौली को बांधने का एक खास तरीका है ये पवित्र धागा गुरु ओर पंडितो या परिवार के बुजुर्ग सदस्यों द्वारा धार्मिक उत्सव में प्रत्येक व्यक्ति की कलाई पर बाँधा जाता है और इसे बांधते समय मंत्र का जाप किया जाता है | मौली बांधने से सभी नकारात्मकता और बुरे प्रभावों को दूर किया जाता है यह रोगो, खतरों, शत्रुओ से बचता है | 

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Mauli benefits_Hindusanskriti

शिव और पार्वती के अर्धनारीश्वर रूप को आधा और आधा महिला के रूप में चित्रित किया गया है आइकोनोग्राफिक विशेषताएँ है कि दाहिने आधे हिस्से को शिव के रूप को दर्शाती है और बायाँ आधा पार्वती के रूप को दर्शाती है |  यह ऊर्जा के रूप में सुरक्षा कवच उत्पन्न करता है इसको पुरुष और प्रकृति के नाम से जाना जाता है मंदिर में भगवान् कि मूर्ति को दांयी ओर रखा जाता है देवी कि मूर्ति को बांयी ओर रखा जाता  है | इसलिए पुरुष दांयी कलाई ओर महिला बांयी कलाई पर मौली बांधती है |

जैसा कि आप जानते है मौली बांधने से नकारात्मक ऊर्जाओं को समाप्त किया जा सकता है |

मौली सुरक्षा कवच के रूप में जानी जाती है|

इसे पहनने से हमारे त्रिदेव- ब्रम्हा, विष्णु, महेश और त्रिदेवी-  लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा इन सारे देवी देवताओ से आशीर्वाद मिलता है |

हिन्दू धर्म में कई तरह के धागे पहने जाते है ये पवित्र धागे लाल, नारंगी, सफ़ेद, पीला ऐसे कई रंगो के होते है यह सभी धागो को पहनने के विशिष्ट कारण होते है और ये मौली एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है और हमें नकारात्मक उर्जाओ से दूर रहने में मदद करता है |

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मौली बांधने के फायदे_Hindusanskriti

विज्ञान के अनुसार मौली बांधने के फायदे

शरीर के अधिकांश अंगों तक पहुंचने वाली नसें कलाई से होकर गुजरती हैं। कलाई पर मौली या कलावा बांधने से इन नाड़ियों ( Nerves ) की क्रिया नियंत्रित होती है। माना जाता है कि कलावा बांधने से ब्लड प्रेशर, दिल से जुड़ी बीमारियां, डायबिटीज और लकवा जैसी स्थितियों से काफी बचाव होता है।

 मौली बांधने के फायदे –

  1. मान्यता है कि अगर कलाई पर कलावा बांधा जाए तो इससे आने वाली परेशानियां टल जाती हैं। 
  2. कलावा बांधने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश के साथ-साथ देवी सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 
  3. लाल रंग का कलावा बांधने से मंगल ग्रह मजबूत होता है। 
  4. अगर पीले रंग का कलावा बांधा जाए तो यह गुरु ग्रह को मजबूत करता है। 
  5. यह भी माना जाता है कि कलाई पर काले रंग का कलावा बांधना शनि ग्रह के लिए शुभ होता है।

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