भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों की पूजा की परंपरा सदियों पुरानी रही है। हिन्दू धर्म में प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में भी वृक्षों (पेड़-पौधों) की महिमा का वर्णन मिलता है। हमारे धर्म में वृक्षों की पूजा, आराधना के कई नियम बताये गए है। हमारी हिन्दू संस्कृति में वैदिक मंत्रों के द्वारा वृक्षों और वनस्पतियों की पूजा का विधान है |
हिन्दू धर्म में वृक्षों, पेड़-पौधों के महत्त्व को हमारे पूर्वज ऋषि-मुनियो ने समझा और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया | हमारी संस्कृति में प्रकृति की पूजा की जाती है और पेड़-पौधों में भी देवी-देवताओ का वास माना जाता है | हमारे देश भारत में वृक्षरोपण करना और उनका संरक्षण करना परम पुनीत कार्य माना गया है |
पौराणिक साहित्य में, शास्त्रों के अनुसार, धार्मिक दृष्टि से पेड़-पौधों का महत्त्व –
पौराणिक साहित्य में भी वृक्षों की महिमा का गुणगान किया गया है | वृक्षों (पेड़-पौधों) की पूजा, उपासना और उनके आश्रय में बैठने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है |
शास्त्रों के अनुसार जिनके पुत्र नहीं है वृक्ष उनके लिए पुत्र के समान है | एक वृक्ष को दस पुत्रों से भी अधिक बड़ा माना है |
धार्मिक दृष्टि से अनेक पेड़-पौधे जैसे तुलसी, पीपल, बरगद, केला, बिल्व वृक्ष, आम, नीम का पेड़ आदि पवित्र पूजनीय वृक्ष माने जाते है | महिलाये अपने सौभाग्य, घर की सुख-शांति के लिए पवित्र वृक्षों का पूजन श्रद्धा भाव से करती है |
दुर्लभ और दैविक गुणों से युक्त अनेक पेड़-पौधे मानव जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी है|
वृक्ष धरती का जीवन व खुशहाली का आधार है| हरे भरे पेड़-पौधे धरती की शान है| धार्मिक महत्त्व के साथ इनका वैज्ञानिक महत्त्व भी बहुत अधिक है|
वैज्ञानिको ने भी सिद्ध किया है कि पेड़-पौधों में भी चेतना होती है | पेड़-पौधों से हमें स्वच्छ हवा मिलती है | पीपल के वृक्ष से हमें ऑक्सीजन पूरे समय मिलती है | पीपल के पेड़ में रक्त कि अशुद्धता दूर करने का गुण होता है | पीपल के पेड़ के पत्ते व छाल से अनेक औषधीय बनाई जाती है इनका उपयोग करने दर्द, घाव, सूजन से आराम मिलता है |
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बिल्ब पत्र, बरगद, आंवला, नीम आदि वृक्ष से प्राप्त पत्ते, फल आदि से आयुर्वेदिक औषधीय बनाई जाती है जो मनुष्य के अनेक रोगों के इलाज में रामबाण सिद्ध होती है|
पेड़-पौधे लगाने से वातावरण में सकारात्मकता आती है|
शुद्ध वायु, शांति पूर्ण परिवेश पेड़-पौधों से ही मिलता है|
पेड़-पौधे हमें फल, और फूल प्रदान करते है|
मीठे फल अनेक गुणों से युक्त मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी है|
हरे भरे पेड़-पौधे धरती का श्रृंगार है|
पेड़-पौधे खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है|
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दुर्लभ गुणों से युक्त पेड़ पौधों को लगाना उनकी रक्षा करना मानव का एक पुनीत कर्तव्य है|
धरती के पारिस्थिति की संतुलन मनुष्य के अस्तित्व को बचाने के लिए उनका संरक्षण अति आवश्यक है | यही युग धर्म है |
यदि मनुष्य अपने लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रदुषण मुक्त जीवन चाहता है तो अधिक से अधिक वृक्ष रोपण करे और उन्हें काटने से बचाये|
इन्ही सब गुणों को देखते हुए मनुष्य अपनी कृतज्ञता पेड़-पौधों को पवित्र मानकर पूजा करता है| आधुनिक युग पेड़ो की अंधाधुंध कटाई हो रही है, वनक्षेत्र कम हो रहा है हरियाली घट रही है उसका दुष्परिणाम मानव जीवन को भुगतना पड़ रहा है अतः पेड़-पौधों का संरक्षण, संवर्धन आज के युग की मांग है |
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