करवा चौथ क्या होता है और इसका महत्व क्या है? Significance of Karvachauth
Published on: May 6, 2023
करवा चौथ क्या होता है _Hindusanskriti

 करवा चौथ क्या है?

करवाचौथ भारतीय हिन्दू संस्कृति का विवाहित महिलाओ द्वारा किया एक महत्वपूर्ण त्यौहार है| भारतीय महिलाये बड़ी श्रद्धा भाव से निर्जल, निराहार रहकर सूर्योदय से सूर्यास्त तक व्रत रखती है| चन्द्रमा की पूजा करके व्रत को पूर्ण करती है | यह सौभाग्यवती अर्थात सुहागिनों का त्यौहार माना जाता है। इस त्यौहार को संपूर्ण भारत के साथ विश्व के किसी भी कोने में रहने वाली भारतीय महिलाओ द्वारा बड़े ही उत्साह और श्रद्धा से मनाया जाता है| विशेषकर यह त्यौहार भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब में बड़े उल्लास और उमंग से मनाया जाता है| 

भारत के पश्चिम प्रांतो व अन्य भागो में भी आजकल महिलाये बड़े शौक से करवा चौथ के व्रत को करने लगी है यह एक लोकप्रिय व्रत है| इस व्रत को विवाहित महिलाये और जिन युवतियों का विवाह तय हो गया है बड़ी निष्ठा भाव से पति का प्रेम प्राप्त करने व उनकी लम्बी आयु के लिए करती है| 

Karwachauth_Hindusanskriti

करवा चौथ कब और क्यों मनाई जाती है?

करवाचौथ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है मिट्टी के टोंटी नुमा पात्र को करवा कहा जाता है चतुर्थी तिथि को चौथ कहा जाता है| हिन्दू धर्म में करवा चौथ के त्यौहार का बहुत महत्त्व माना गया है| 

करवा चौथ व्रत कार्तिक माह  के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को यह पावन पर्व महिलाओ के द्वारा मनाया जाता है| धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सौभाग्य प्राप्ति, अटल सुहाग की कामना, पति के स्वास्थय, दीर्घायु होने के लिए विवाहित महिलाओ को यह व्रत अवश्य करना चाहिए| इस व्रत को मनाने के लिए हर परिवार में प्रचलित प्रथाओं के अनुसार विधि विधान अलग-अलग है| 

करवा चौथ का व्रत रखने के लिए महिलाये कई दिन पूर्व से तैयारियां शुरू कर देती है| सुहाग सामग्री एकत्र करके करवा चौथ के दिन अपने सौभाग्य चिन्ह धारण करके बड़े विधि विधान से चंद्र देवता की पूजा करती है| 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत में भगवान् शिव, माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी और चंद्र देवता की पूजा करने का विधान है| करवाचौथ की कथा सुनने से विवाहित महिलाओं का सुहाग बना रहता है तथा उनके घर सुख, समृद्धि, शांति और संतान सुख मिलता है|  

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करवा चौथ का महत्व _Hindusanskriti

करवा चौथ का महत्व 

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो विवाहित सुहागिन महिलाये निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं उसके पति को लंबी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है|

पति पत्नी के मधुर संबंधो को बनाये रखने के लिए उनके जीवन में प्रेम और आनंद की प्राप्ति के लिए यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है|

करवा चौथ का व्रत करने से महिलाओ को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है|

करवा चौथ के दिन महिलाओ को सात्विक भाव से, सुसज्जित होकर, श्रद्धा पूर्वक, विधिविधान से व्रत रखकर पूजन करना चाहिए|

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करवा चौथ क्या होता है _Hindusanskriti

व्रत रखने से तन और मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है|

निर्जला उपवास करने से शरीर में नई ऊर्जा का प्रसार होता हैं| शरीर शुद्ध हो जाता है| जिससे व्रत करने के प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष लाभ मिलते है|

हमें अपनी हिन्दू संस्कृति पर गर्व होना चाहिए | हमारी परम्पराये जो पुराने समय से चली आ रही है उनका पालन बड़ी श्रद्धा व उत्साह से करना चाहिए|

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