भारतीय संस्कृति में मेहंदी का महत्व | The Significance of Mehandi in Indian Culture
Published on: May 3, 2023
मेहंदी _Hindusaskriti

मेहंदी क्या है?

मेहंदी एक औषधीय जड़ी बूटी भी है | मेहंदी को हिना (Henna) भी कहा जाता है | यह एक प्राकृतिक पौधा है | इसके पत्‍तों, फूलों, बीजों एवं छालों में औषधीय गुण समाए होते हैं। मेहंदी के पौधे से प्राप्त पत्तियों को सुखाकर इसका चूर्ण (Powder) बनाया जाता है जिसे हाथ, पैर, बाजुओं आदि पर लगाया जाता है| प्राचीन काल से ही मेहंदी लगाने की परंपरा चली आ रही है| 

हमारी भारतीय हिन्दू संस्कृति में मेहंदी नारियो के सोलह श्रृंगार में शामिल है | यह विवाहित महिलाओ के सुहाग का प्रतीक है | हमारे धार्मिक पूजा अर्चना शुभ मांगलिक कार्यो में मेहँदी को एक पवित्र सामग्री मानी जाती है| इसका उपयोग कई सम्प्रदायों विशेषकर हिन्दुओ में अनिवार्य रूप से होता है | यह सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक है | हिन्दू धर्म में विवाह संस्कार में वर एवं वधु को मेहँदी लगाना अनिवार्य माना जाता है| 

मेहंदी पारंपरिक श्रृंगार का एक हिस्सा है जिसे महिलाए बड़े उत्साह से अपने हाथो और पेरो को सजाती है | हाथो पर मेहंदी लगाने पर महिलाओ की सुंदरता बढ़ जाती है | हिन्दू धर्म में बहुत से रीति रिवाजो में मेहंदी लगाने की प्रथा काफी पुराने समय से चली आ रही है | ग्रीष्म काल में शरीर को ठंडक पहुंचने के लिए भी मेहंदी का प्रयोग किया जाता है |

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मेहंदी का महत्व_Hindusanskriti

मेहंदी क्यों लगाई जाती है? 

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि मेहंदी लगाने से पति-पत्नी के बीच रिश्ता मजबूत होता है और प्यार बढ़ता है। महिला के हाथ में मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है पति का प्यार उतना ज्यादा मिलता है। आज कल विवाह समारोह में मेहंदी रस्म बहुत ही धूम धाम से मनाई जाती है | मेहंदी के महत्त्वपूर्ण गुणों को देखते हुए मेहंदी का चलन बढ़ता ही जा रहा है |

शादी में सभी मौज-मस्ती के साथ मानसिक और शारीरिक तनाव भी होता है। मेहंदी लगाने से आपके शरीर और तनावग्रस्त नसों को आराम मिलता है। यह आपके शरीर और दिमाग को बहुत अधिक आराम और शांत महसूस कराता है। 

हमारे भारतीय लोक गीतों में भी मेहन्दी एक शृंगार बड़े रोचक तरीके से किया गया है |

मेहंदी _Hindusaskriti

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मेहंदी लगाने के फायदे क्या-क्या है?

मेंहदी एक प्राकृतिक शीतलक के रूप में कार्य करती है और शरीर की अतिरिक्त गर्मी को बाहर निकालने में मदद करती है। साथ ही इससे सिर दर्द और पेट दर्द से भी राहत मिलती है। बालो में सौन्दर्य प्रसाधन के रूप में प्राचीन काल से मेहंदी का प्रयोग किया जा रहा है |

मेहंदी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी भी है | मेहंदी का उपयोग करने पर हमारे शरीर को अनेक स्वास्थ्य लाभ होते है | मेहंदी सिर्फ सजावट में ही नहीं इसका इस्तेमाल अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए एक घरेलू उपचार के रूप में भी किया जाता है।

प्राकृतिक होने के कारण मेंहदी में शरीर के लिए विभिन्न एंटीसेप्टिक (antiseptic) गुण होते हैं। यह शरीर के उचित रक्त परिसंचरण को बनाए रखने में मदद करती है। 

मेहंदी में शीतलता का गुण होने के कारण शरीर को ठंडक पहुँचाती है |

मेंहदी की विशेष सुगंध हमारे दिमाग को भी ठंडक पहुंचाती है और सुकून देती है। 

मेहंदी में त्वचा संबंधित विकारो को दूर करने का भी गुण है | बालो के लिए भी गुणकारी है |

मेहंदी रक्तचाप को बनाए रखने में मदद करती है और हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है। 

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 भारतीय संस्कृति में मेहंदी का महत्व_Hindusanskriti

मेहंदी का महत्व –

कुछ मान्यताओं के अनुसार, मेहंदी के रंग से नव विवाहितो के प्रेम व सौभाग्य से जोड़ा जाता है |

मेहंदी एक शुभ शगुन माना जाता है। जो हिन्दू और मुस्लिम संप्रदाय में भी बड़े चाव से महिलाओ द्वारा लगायी जाती है |

आजकल मेहंदी फैशन के रूप में भी नवयुवतियां तथा महिलाओ द्वारा कलात्मक ढंग से हाथो में लगाई जाती है |

मेहंदी में कुछ ऐसे प्रभावी तत्व पाए जाते हैं, जो कई प्रकार के बैक्टीरिया और फंगस से लड़ने में मदद करते हैं। यदि आपकी त्वचा पर कोई घाव संक्रमित हो गया है, जो आप मेहंदी के ताजे पत्तों को पीसकर उसका लेप लगा सकते हैं।

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