सिन्दूर क्या होता है?
सिन्दूर एक प्राकृतिक सौन्दर्य प्रसाधन है जो एक पौधे से प्राप्त किया जाता है | यह लाल और नारंगी रंग में पाया जाता है | यह हिन्दू संस्कृति से सोलह श्रृंगार में प्रमुख है | प्राचीन काल से हमारे हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा में सिन्दूर का उपयोग किया जाता है | हिन्दू धर्म में माता लक्ष्मी को सिन्दूर चढ़ाया जाता है, गणेश जी और हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाने से वे प्रसन्न हो जाते है |
सिन्दूर भारतीय नारी के सौभाग्य का प्रतीक
धार्मिक दृष्टि से सिंदूर का बहुत महत्त्व है | भारतीय महिलाए सजने संवरने के लिए सिन्दूर का प्रयोग करती है | विवाहित स्त्रियाँ माँग भरती है | बिना सिन्दूर के हिन्दू संस्कृति में विवाह संस्कार पूर्ण नहीं होता | हिन्दू महिलाओं का सिन्दूर से भावनात्मक लगाव होता है |
सिन्दूर क्यों लगाते है ?
शादी के बाद एक महिला के जीवन में सिन्दूर बहुत महत्व होता है हमारे हिन्दू ग्रंथो में कहा जाता है कि भगवान् श्री कृष्ण कि पत्नी राधा माता ने सिन्दूर लगाया था जो एक लौ के आकार में था और माता सीता ने भगवान् राम को खुश करने के लिए सिंदूर लगाया था |
सिन्दूर का प्रयोग औषधी के रूप में भी किया जाता है इसमें औषधीय गुण होते है सिन्दूर से रक्त प्रवाह उत्तेजित होता है | सिन्दूर लगाने से नारी का मुख सुन्दर और तेजस्वी दिखता है | सिन्दूर अनिद्रा, सिर दर्द, याददाश्त का कमजोर होना, मन की अशांति को दूर करता है और चेहरे की झुर्रियां जैसी समस्याओं को भी दूर करता है।
हिन्दू धर्म में सिन्दूर लगाने की प्रथा सदियों पुरानी है | ऐसी मान्यता है कि सिन्दूर लगाने से पति कि आयु लम्बी होती है तथा पति पत्नी का रिश्ता भी मजबूत होता है | बिना सिन्दूर के नारी का श्रृंगार अधूरा रहता है |
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सिंदूर लगाने से क्या क्या लाभ होते है ?
सिन्दूर लगाने के लाभ इस प्रकार है-
- सिन्दूर लगाने से मन की एकाग्रता बढ़ती है और तनाव कम होता है |
- इसे लगाने से माथे में चक्र सक्रिय होता है | जिसके माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है |
- इसे लगाने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है
- सिन्दूर में एक धातु होती है जिसे पारा धातु कहते है इससे चेहरे पर झुर्रिया कम पड़ती है |