हमारे हिन्दू संस्कृति में दीपक जलाने की परंपरा काफी पुराने समय से चली आ रही है | दीपक प्रकाश ( Light ) का प्रतीक है | हमारे हिन्दू धर्म में प्राचीन काल से लोग अग्नि को पवित्र मानते है | धार्मिक संस्कार बिना दीपक जलाये पूर्ण नहीं होते है |
दीपक (Oil Lamps) को दीया, दिवा, दीपम, दीपा, दियो आदि के रूप में जाना जाता है |
दीपक कई प्रकार के होते है जैसे चाँदी के, पीतल के, मिट्टी के, ताम्बे के तथा आटे के भी बनाये जाते है | ये घी और तेल से जलाये जाते है |हनुमान जी, शनि देव तथा यम देव को तेल का दीपक लगाया जाता है |अन्य देवी-देवताओं को घी का दीपक लगाया जाता है |
दीपक अन्धकार को दूर कर प्रकाश देता है |दीपक की रोशनी को ज्ञान का प्रतीक माना गया है।पुराणों में दीपक को सकारात्मकता का प्रतीक व दरिद्रता को दूर करने वाला भी कहा गया है।
दीपक जलाने से घर में सकारात्मकता आती है | नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है | माना जाता है कि शाम को घर में तेल का दीपक जलाना, पूजा करना, और तुलसी के पौधे के पास सुरक्षा कवच बनाना माना जाता है| यह सुरक्षा कवच उत्पन्न होने वाली नकारात्मक उर्जाओ से बचाता है |
तेल के दीपक से जो प्रकाश निकलता है वह परब्रम्हा का एक रूप है | दीपक किसी भी शुभ कार्य या प्राथना के अवसर पर अवश्य रूप से जलाया जाता है |
घी के अलावा कई प्रकार तेलों से भी दीपक जलाया जाता है जैसे- तिल का तेल, सरसों का तेल, नारियल का तेल आदि |
देसी घी का दीपक –
देसी घी जिसे गाय के घी के रूप में जाना जाता है और यह पवित्र माना जाता है आज कल ये घी बहुत कम उपलब्ध होता है और यह सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर है यह हमारी मानसिक, शारीरिक स्थिति को बनाये रखने में मदद करता है | घी का सेवन करने से हमारे स्वास्थय में सुधार होता है और ये हमारे दिमाग को तेज करने में मदद करता है
तिल का तेल का दीपक –
तिल के तेल के दीपक जलाने से दोषो को दूर किया जा सकता है और बुरी आत्माओ को दूर भगाया जा सकता है | तिल के तेल को बाधाओ को दूर करने के लिए किया जाता है |
सरसों का तेल का दीपक –
सरसो के तेल से दीया जलाने से शनि गृह से सम्बंधित दोषो को दूर कर सकते है और ऐसा माना जाता है कि यह बीमारियों को दूर रख सकता है |
नारियल तेल का दीपक –
नारियल के तेल का दीपक चलाने से भगवान् गणेश बहुत प्रसन्न होते है
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इन सभी तेलों के अलावा दीपक जलाने के लिए नीम का तेल, महुआ का तेल, चमेली के तेल का स्तेमाल करते है |
एक जलता हुआ दीपक चारकोल की तरह काम करता है जो एक शुद्धिकरण एजेंट है| जब हम दीपक जलाते है और हम भगवान् को अर्पित करते है तो यह भक्त भगवान् के रूप को देखने में सक्षम होते है |
दीपक लगाकर भगवान का ध्यान किया जाता है, मन एकाग्र होता है | दीपक लगाने से वातावरण पवित्र हो जाता है | मन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है | दीपक अंधकार खत्म करता है और प्रकाश फैलाता है। मान्यता है देवी-देवताओं को दीपक की रोशनी विशेष प्रिय है, इसीलिए पूजा-पाठ में दीपक अनिवार्य रूप से जलाया जाता है। रोज शाम के समय मुख्य द्वार के पास दीपक लगाना चाहिए। ये दीपक घर में नकारात्क ऊर्जा के प्रवेश को रोकता है।
साथ ही वास्तु दोष खत्म होता है | इसीलिए हमें घर में नियमित रूप से दीपक जलाना चाहिए | शास्त्रीय मान्यता है कि घी का दीपक हमेशा भगवान के समर्पण के लिए जलाते हैं | जबकि तेल का दीपक हमेशा हम अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए जलाते हैं |