पायल क्यों पहनते है?
भारतीय नारी के सोलह श्रृंगार में सर्वोपरि पायल | पैरो में पहनी जाने वाली पायल जिसे पायजब, पैंजनी, पाज़ेब, कोलुसु, नूपुर, टखने का ब्रेसलेट, चेन ( Anklet ) भी कहा जाता है | पायल जो हमारी हिन्दू संस्कृति में शुभता, सम्पन्नता का प्रतीक है, जो चाँदी (silver) से बनी हो श्रेष्ठ मानी जाती है | आज कल प्लास्टिक, मोती व अन्य धातुओं से बनी पायल का भी चलन है |
यह आभूषण महिलाएँ विवाह के बाद ग्रामीण क्षेत्रों विशेषकर अनिवार्य रूप से पहनती है | पायल चाँदी के कड़े के रूप में फैशन के रूप में लड़कियाँ भी पायल पहनने लगी है | पायल में लगे चाँदी के घुंघरु की मधुर ध्वनि मनमोहक होती है |
पायल जिन्हें पैरों में पहना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह केवल महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाने का एक आभूषण है। हिंदू धर्म में महिलाये पायल बड़े चाव से पहनती है |
पैरों में पायल क्यों पहनी जाता है?
पायल को महिलाए अपने पैरों में पहनती हैं | पायल से सुंदरता के साथ-साथ कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है | अगर बात करे चाँदी के पायल की तो यह सकारात्मक ऊर्जा, रक्त परिसंचरण ( Blood circulation ) को बनाए रखने और मासिक धर्म के दर्द को कम करने में मदद करती है |
शुद्ध चाँदी की पायल पहनना ही क्यों लाभदायक होता है?
विज्ञान के अनुसार चाँदी पृथ्वी की ऊर्जा के साथ आसानी से प्रतिक्रिया करने में सक्षम है। अगर शुद्ध चाँदी से बनी पायल पैरो में पहनी जाये तो बहुत से लाभ प्राप्त होते है | चाँदी का स्पर्श हमारी त्वचा के लिए गुणकारी है |
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पायल सोलह श्रृंगार का हिस्सा क्यों है?
पायल को सुहाग चिन्ह माना जाता है। पायल का महत्व प्राचीन काल से माना जाता है | पायल को आर्थिक स्थिति से भी जोड़ा जाता है | पहले के समय में पायल एक लड़की के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हुआ करती थी वह यह पायल को आजीवन पहनकर रखती थी | अब इस समय पायल को विभिन्न कारणों से आभूषण के रूप में पहना जाता है |
प्राचीन काल में पायल एक महिला की शादीशुदा होने की स्थिति को दर्शाती थी | अब यह फैशन में आ गई है तो इसे लड़कियाँ आउटफिट्स के साथ पहनती है | पायल को अब चाँदी या सोने से ना बना कर प्लास्टिक, पत्थर, मोती और अन्य सामग्री से बनाया जा रहा है | बाजार में नई-नई डिज़ाइनों की सुन्दर पायल उपलब्ध है |
एक तरह से कहा जा सकता है कि पायल को हमारे पैरो कि सुंदरता को बढ़ाने के लिए पहना जाता है | शिशुओं को पायल जन्म के बाद पहना दी जाती है |
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पायल पहनें के फायदे –
चाँदी की पायल ना सिर्फ आपके पैरो को सजाती, इससे हमें स्वास्थय लाभ भी मिलते है|
- शुद्ध चांदी से बानी पायल पैरो को सजाने के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य को लाभ पहुँचाती है | शरीर में ऊर्जा संचार बढ़ता है |
- यह सकारात्मक ऊर्जा देकर नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है |
- पायल में लोग घुंघरुओं की ध्वनि से घर का वातावरण सकारात्मक रहता है |
- पायल पहनने का वैज्ञानिक दृष्टि से लाभ मिलता है |
- पायल पहनने से महिलाओं की समस्याएँ मासिक धर्म, बाँझपन, हार्मोनल असंतुलन, अवसाद, रक्तचाप जैसी बीमारियों में भी लाभ मिलता है | चांदी की शीतलता से हमारा मन-मस्तिष्क शांत रहता है |
- पायल पहनते है तो आपके पैरो का दर्द, झुनझुनी और कमजोरी सब ख़त्म हो जाएगी | पायल पहनने से पैरों में सूजन कम होती है।
- पायल पहनना एक अच्छी प्रथा है जिससे आपको पैरो के दर्द में आराम मिलता है और
- पायल पहनने का कारण यह है कि शरीर स्वाभाविक रूप से हमारे शरीर के माध्यम से विद्युत धाराएँ भेजता है और चाँदी की पायल इन विद्युत ऊर्जा को स्थिर रखती है और हमारे शरीर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा को बनाये रखती है |
- पायल की आवाज़ से घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है |
- पायल पहनने से पैरो की हड्डियाँ मजबूत होती है |
इन सभी पायल पहनने के गुणों को देखते हुए हमारी हिन्दू संस्कृति में इसे विशेष स्थान दिया गया है |
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