Why is Akshaya Tritiya Celebrated? अक्षय तृतीया मनाने के प्रमुख कारण
Published on: April 20, 2023

भारतीय परंपरागत त्यौहारों में अक्षय तृतीया शुभ त्यौहार माना जाता है | इसे आखा तीज और अकती के नाम से भी जाना जाता है | 

अक्षय तृतीया संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है | अक्षय का अर्थ अमर, जिसका नाश ( क्षय ) न हो | तृतीया का अर्थ है तीसरी तिथि | 

हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह पावन पर्व मनाया जाता है | इस दिन भगवान् विष्णु गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा, अर्चना की जाती है | यह त्यौहार पूर्वजो को श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने का दिवस है |

यह त्यौहार पूरे भारत देश में श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है | उड़ीसा और पंजाब में इस तिथि को किसानों की समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है तो बंगाल में इस दिन गणपति और लक्ष्मीजी की पूजा का विधान है।

हिन्दू सनातन धर्म में और जैन धर्म में अक्षय तृतीया का त्यौहार बड़े ही उत्साहपूर्वक मनाया जाता है | शीत काल समाप्त हो कर ग्रीष्म ऋतू प्रारम्भ हो जाती है | इस दिन जल से भरे घड़े, खरबूजा और सत्तु जो गर्मी में लाभकारी होता है उनका दान किया जाता है | 

अक्षय तृतीया 2023 का शुभ मुहूर्त कब है?

2023 में अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2023 को प्रातः 07 बजकर 49 मिनट से है |

अक्षय तृतीया मनाने के प्रमुख कारण

अक्षय तृतीया मनाने के प्रमुख कारण

  1. भगवान् विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी के अवतरण इसी शुभ दिन हुआ था | स्कन्द पुराण और भविष्य पुराण के अनुसार भगवान् विष्णु ने देवी रेणुका के गर्भ से भगवान् परशुराम के रूप में जन्म लिया था इसलिए यह जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है | 
  2. भगवान् परशुराम जी जन्म से ब्राह्मण और कर्म से क्षत्रिय थे, उन्हें ब्रह्मर्षि भी कहा जाता है उनके हाथ में फरसा होता है | 
  3. अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य, विवाह संस्कार, गृह प्रवेश, भूमिपूजन आदि बिना मुहूर्त देखे किये जाते है | हिन्दू संस्कृति के अनुसार पूरा दिन शुभ माना जाता है | 
  4. अक्षय तृतीया के दिन भगवान् गणेश और वेदव्यास जी ने महाकाव्य महाभारत की रचना की थी |
  5. अक्षय तृतीया को देवी अन्नपूर्णा का जन्मदिवस भी माना जाता है |
  6. भगवान् श्रीकृष्ण ने अपने परममित्र सुदामा जी को इसी दिन कृपा करके समृद्धि प्रदान की थी |
  7. अक्षय तृतीया के दिन भगवान् कृष्ण ने पांडवो को वनवास काल में अक्षय पात्र दिया था जो उन्हें वनवास काल में भोजन प्रदान करता था | 
  8.  गंगावतरण अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ग से पृथ्वी पर हुआ था |
  9. जैन धर्म में तीर्थंकर आदिनाथ और ऋषभदेव जी की स्मृति में यह शुभ दिवस मनाया जाता है | 
  10. यह त्यौहार मनुष्य के जीवन में खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है | इस दिन किये गए कार्यो का अक्षय फल मिलता है | 
  11. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस पवित्र दिन पर ग्रहों की दशा अनुकूल स्थिति में रहती है जो इस दिवस को महत्वपूर्ण बनाती है | 

Also Read : गायत्री मंत्र का जाप क्यों किया जाता है?

अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया पर क्या – क्या करना चाहिए?

  1. अक्षय तृतीया के दिन गाय को चारा, भूखे को भोजन और शुद्ध पेयजल देने से मनुष्य के ग्रहदोष दूर हो जाते है | 
  2. अक्षय तृतीया के दिन किसी जरूरतमंद या फिर मंदिर में जौ का दान करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 
  3. अक्षय तृतीया के दिन व्रत उपवास दान, धार्मिक, आध्यात्मिक कार्य, जप आदि करने पर कई गुना लाभ मिलता है | 
  4. अक्षय तृतीया होने से इस दिन विवाह आदि कार्य बहुत होते है | ऐसा माना जाता है कि इस दिन किये गए  विवाह सफल होते है |  
  5. महिलाएं सौभाग्य प्राप्ति के लिए इस माता लक्ष्मी का पूजन विशेष रूप से करती है | 
  6. मनुष्य द्वारा किये गए सत्कार्य करने पर उनका अक्षय फल प्राप्त होता है | 

अक्षय तिथि को क्या खरीदना चाहिए?

अक्षय तिथि के दिन सोने और चाँदी जैसी बहुमूल्य धातुएं खरीदना और उनमे निवेश करने पर देवी लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है जो सुख-समृद्धि, धन-धान्य से पूर्ण रखती है | ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने और भगवान कुबेर की पूजा करने से परिवार में समृद्धि आती है।